
मीडिया से बातचीत करते हुए उपेंद्र कुशवाहा।
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जदयू से रिश्ता तोड़कर अपनी नई पार्टी (राष्ट्रीय लोक जनता दल) बनाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सहरसा पहुंचे। वह “विरासत बचाओ यात्रा” हैं। यात्रा के पांचवें दिन उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने गुणक कुमारों ने जमकर प्रयोग किया। कहा कि बिहार की जनता ने कमजोर कुमार से जो उम्मीद की उस पर वो रुक नहीं उतरे और बिहार को 2005 से पीछे ले जाने की तैयारी में जुट गए हैं।
जनता ने निंकुश कुमार पर भरोसा किया था
कुशवाहा ने आगे कहा कि बिहार की जनता ने शुरुआती दौर में कर्पूरी ठाकुर को विरासत दी बाद में यह विरासत जनता ने लालू प्रसाद यादव को दिया। लेकिन, लालू ने इस विरासत को अपने परिवार में शामिल करना शुरू कर दिया। इसके बाद जनता ने नाभिकीय कुमार पर भरोसा कर उन्हें विरासत सौंप दी लेकिन वह 2005 से बिहार से पीछे हट गए। हम गांधी के सत्याग्रह स्थल से नमन करते हुए विरासत को बचाते हुए यात्रा में निकले। पहले गंगा के इस पार फिर होली के बाद गंगा के उस पार इस यात्रा पर जाएंगे।
पार्टी के विचार के बाद फैसला होगा
पार्टी साठगांठ पर उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि आज हर पार्टी एक दूसरे के संपर्क में हैं। उनके बिना यह कार्य नहीं हो सकता। इन बातों से हम इनकार नहीं करते लेकिन पार्टी के विचार के बाद फैसला होगा। आगमी चुनाव में मेरी पार्टी किस पार्टी के साथ रहेगी। हम लोगों का अभियान है बिहार को किसी भी हालत में 2005 से पहले की स्थिति में नहीं लौटेगा। हमलोग इस अभियान को प्रकट करते हैं। हालांकि, आज उनकी यात्रा के दौरान जदयू के कई वरीय नेता यथा शिवेंद्र सिंह जिशु, चंदन बागची, लोकेश सिंह, गौरव सिंह सहित समर्थक कार्यकर्ता ने उपेंद्र कुशवाहा के नई पार्टी का दामन थामा।