
निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग (फाइल फोटो)
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विज्ञापन में डिग्री देने का दावा करने वाले 11 कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किया गया है। इन मामलों की सुनवाई 14 मार्च को राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के न्यायालय में होगी. राज्य में हजारों कोचिंग संस्थान सरकार से मंजूरी लिए बिना खुल गए हैं। एक-एक कमरे में चल रहे इन संस्थानों में छात्रों से मोटी फीस वसूली जा रही है। केंद्रों में प्रवेश लेने के साथ ही विभिन्न विषयों में डिग्री व डिप्लोमा प्रदान करने के लिए विज्ञापन भी जारी किए गए हैं।
नियामक आयोग ने इन विज्ञापनों का स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किए हैं। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (रिटायर्ड) अतुल कौशिक ने कहा कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी जानकारी भी सरकार से साझा की गई है। ज्यादातर कोचिंग संस्थान बिना सरकार की मंजूरी के सोसायटीज एक्ट के तहत चल रहे हैं। आयोग को मिली शिकायतों के अनुसार प्रदेश में हजारों कोचिंग सेंटर अनियमित तरीके से चलाये जा रहे हैं.
अधिकांश पंजीकृत नहीं हैं। केंद्रों में सुविधाएं भी मानक के अनुरूप नहीं हैं। बैठने, पार्किंग, शौचालय और फैकल्टी की कमी है। कई केंद्रों का तो पंजीयन ही नहीं है। गली मोहल्लों में दर्जनों कोचिंग सेंटर खुल चुके हैं। कई केंद्रों में पर्याप्त सीट नहीं होने के बावजूद छात्रों को प्रवेश दे दिया गया है। छात्रों को पढ़ाने के लिए नियुक्त फैकल्टी भी कई जगह अक्षम है।
कोचिंग सेंटरों में कस्टम फीस ली जा रही है। कई अभिभावकों ने ऐसी शिकायत कर निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग से कोचिंग सेंटरों पर नकेल कसने की मांग की है. आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए प्रदेश में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे हजारों कोचिंग सेंटरों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है.