DSP की दुर्घटना में मौत: DSP चंद्रपाल को था साइकिल चलाने का शौक, रोजाना 50 KM पैदल चलते थे, संघर्ष से भरी थी जिंदगी… – दुर्घटना में DSP की मौत: DSP चंद्रपाल को साइकिल चलाने का शौक था


साइकिल चलाने के शौकीन रतिया डीएसपी चंद्रपाल बिश्नोई की सड़क हादसे में मौत हो गई। शनिवार शाम अग्रोहा के पास वैगन आर की टक्कर से डीएसपी चंद्रपाल की मौत हो गई। डीएसपी चंद्रपाल को साइकिल चलाने का जबरदस्त शौक था। वह रोजाना 50 किलोमीटर साइकिल चलाते थे और स्वस्थ रहने के लिए लोगों को साइकिल चलाने के प्रति जागरूक भी करते थे। उनकी सेवानिवृत्ति 2028 में होनी थी।

करीब 53 साल के डीएसपी चंद्रपाल साइकिल से कभी हिसार तो कभी सिरसा जाया करते थे। शनिवार को भी वह रतिया कार्यालय से काम खत्म कर साइकिल से हिसार के लिए निकले थे और अग्रोहा के पास एक कार चालक ने टक्कर मार दी थी. डीएसपी चंद्रपाल पहले ट्रैफिक पुलिस के प्रभारी थे। 29 जनवरी को ही उन्हें रतिया के डीएसपी का प्रभार दे दिया गया था।



डीएसपी चंद्रपाल मूल रूप से फतेहाबाद के झलानिया गांव के रहने वाले थे. फिलहाल वह फतेहाबाद पुलिस लाइन में रह रहा था, जबकि परिवार हिसार के आजाद नगर स्थित मकान में रहता है। डीएसपी चंद्रपाल वर्तमान में रतिया के डीएसपी के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने 29 जनवरी को ही रतिया डीएसपी के रूप में अपना पद ग्रहण किया था। स्वर्गीय चंद्रपाल के दो बेटे हैं, दोनों अभी पढ़ाई कर रहे हैं।


छोटी उम्र में ही चल बसे पिता, मां और चाचा ने संभाला

ग्राम झालनिया के सरपंच के अनुसार डीएसपी चंद्रपाल के पिता स्व. देवीलाल गांव में खेती-किसानी करता था, लेकिन कम उम्र में ही उसकी मौत हो गई। डीएसपी चंद्रपाल व उसके भाई हरपाल को मां व चाचा ने संभाला है। विपरीत परिस्थितियों के बीच भी चंद्रपाल पढ़ाई को लेकर गंभीर थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में की। इसके बाद फतेहाबाद से बीए पास किया। साल 1994 में महज 24 साल की उम्र में उनका चयन हरियाणा पुलिस में हो गया। डीएसपी की मां भी हरपाल के साथ गांव झलनिया में रहती हैं।


एक महीने में 10 हजार किलोमीटर का सफर पूरा किया

डीएसपी चंद्रपाल का साइकिल चलाने का जज्बा ऐसा था कि वह साइकिल से दूर-दराज के इलाकों में जाया करते थे. करीब तीन महीने पहले उन्होंने एक महीने के दौरान 10 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा की। इस दौरान उन्होंने वैष्णो देवी, सालासर, मुकाम धाम, पोखरण, लोंगोवाल, जैसलमेर और जयपुर जैसे रमणीय और धार्मिक स्थलों की यात्रा साइकिल से ही की।

एएसआई के रूप में यात्रा शुरू की

डीएसपी चंद्रपाल 1994 में एएसआई के रूप में हरियाणा पुलिस में शामिल हुए थे। इस दौरान वे राज्य के कई हिस्सों में अपनी सेवाएं देते रहे। सरकार ने उन्हें 2013 में डीएसपी के तौर पर प्रमोशन दिया था। वह फिरोजपुर झिरका के डीएसपी भी रह चुके हैं।


डीएसपी चंद्रपाल के निधन से पूरा गांव शोकाकुल है। वह बहुत ही शांत व्यक्ति थे। वह गांव के हर सुख-दुख में हमेशा शामिल रहता था। वह बच्चों को साइकिल चलाना और स्वस्थ रहना सिखाते थे। उन्होंने कभी किसी का दिल नहीं दुखाया, जिसने भी मदद की गुहार लगाई उसकी हर संभव मदद की। -रामचंद्र, सरपंच, ग्राम झालनिया




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