Basti News:जमीन के लिए दसवीं बार आवेदन, फिर अगली तारीख – दसवीं बार जमीन के लिए आवेदन, फिर अगली तारीख

सदर तहसील के दिन में विज्ञापन सुनें।

सदर तहसील दिवस में शिकायतायतें सुनतीं एमएस सटीक निरंजन।

एटा। जिले के सदर ब्लाक में शनिवार को पूरे तहसील दिवस पर बिजली विभाग के कर्मियों का आंदोलन प्रभावित हो रहा है। अधिकारी देर से पहुंचे और फरियादियों की अनदेखी करते हैं। हालांकि कुछ सामान्य मामले को अधिग्रहित कर दिया गया, लेकिन अधिकांश को इसकी तारीख मिल गई। सुबह 10 बजे अपनी समस्या लेकर अपनी जमीन बचाने के लिए दो साल से संपूर्ण समाधान दिवस का चक्कर काट रहे सदर क्षेत्र के बानपुर गांव निवासी गंगाराम को फिर अगली तारीख मिली। इसी प्रकार हरैया में खतौनी में राजस्व कर्मियों के गलत नाम को लेकर गलत दावे के लिए दौड़ रहे हैं। इसी प्रकार अन्य तहसीलों में अधिकारिता पूरी तरह से दी गई।

सदर तहसील दिवस में दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर पीएम असली निरंजन व एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी पहुंचे। इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई। इस संपूर्ण समाधान के दिन कुदरहा ब्लॉक के बानपुर गांव निवासी गंगाराम दसवीं बार आवेदन देने पहुंचे थे। उनके खेत पर दबंगों ने कब्जा नहीं किया, बल्कि मकान बना लिया है। दो साल से न्याय के लिए दौड़ रहे गंगाराम की आवाज अब तक अधिकारियों के कान तक नहीं पहुंची। इसी प्रकार एक महिला सफाई कर्मचारी कौशल्या एक साल से मानदेय की राह देख रहे हैं, मगर उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। वे अब तक दो बार अधिकारियों के न्याय का पूरा समाधान एक दिन में अटके हुए हैं, तो क्षति तो हुई मगर मानदेय आज तक नहीं मिल सका। डीएम ने इस मामले में निगमित कार्रवाई के निर्देश दिए। हरैया प्रतिनिधि के अनुसार एसडीएम गुलाब चंद्र ने चश्मदीदों को प्रभावित किया। यहां ड्रैगनाजोत गांव के निवासी शिव बहादुर लेखपाल और कंप्यूटर आप के दोष की सजा महीनों से प्राप्त करने के लिए मजबूर हैं। उनकी खतौनी में किसी और का नाम दर्ज कर दिया गया। अब इसके हटवाने के लिए वह दो बार समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दे चुके हैं लेकिन अधिकारी उन्हें कोर्ट जाने की सलाह देकर टरका देते हैं। शिव बहादुर ने बताया कि संबंधित लेखपाल व राजस्व कर्मियों ने बताया है खतौनी में गलत नाम की प्रविष्टि कर दिया। छावनी थाना क्षेत्र के अमोढ़ा निवासी राशिदा खातून का पति से विवाद चल रहा था, जिसमें अदालत ने पीड़िता राशि को हर महीने 25सौ रुपये महीने भरण पोषण खर्चा देने का आदेश दिया है, लेकिन तीन साल बाद भी उसके पति ने उसे भरण पोषण नहीं दिया। इसे लेकर थाने से लेकर तहसील दिवस में भी चार बार प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन सुनाई नहीं दे रहा है। बताया कि शनिवार को उम्मीद लेकर समाधान दिवस पहुंच रहा था लेकिन उच्चाधिकारियों की अनुपस्थिति से वह निराश होकर उनके इंतजार में बैठी रही। रफीक मुहम्मद निवासी नारायणपुर मिश्रित पिता की मृत्यु 6 महीने पहले हो गई थी, तब से वह वरासत को लेकर लेखपाल हरि सिंह के पास दौड़ रहे थे, लेकिन उसे हर बार क्षतिग्रस्त कर दिया।

भानपुर प्रतिनिधि के अनुसार संपूर्ण समाधान दिवस में सल्टौआ गोपालपुर के ग्रामीण निवासी रामजीत ने कहा कि वह पिछले एक साल से पेंशन न मिलने की शिकायत दर्ज कर रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। संपूर्ण समाधान में शनिवार को उसकी प्रार्थना पर क्षति लौटाई गई। रामजीत ने बताया कि कर्मचारी वृद्वा पेंशन मिल रही थी जो अचानक बंद हो गई। तब से वे कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थलों पर सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद हैं।



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