होलिका दहन 2023 7 मार्च को होलिका दहन की लपटें पूरे साल के लिए हिंदी में भविष्यवाणी

होलिका दहन 2023 हिंदी में भविष्यवाणी: होली का रंग, उत्साह, आनंद, उमंग का उल्लास का पर्व है। होली से पहले होलिका दहन की जाती है। सभी पुराणों और धर्म ग्रंथों में भी इसकी चर्चा की गई है। होलिका दहन की कथा से हमें पता चलता है कि कैसे बुराई पर बुराई की अच्छी जीत होती है। हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चौक-चौराहे पर अग्नि जलाकर होलिका दहन किया जाता है।

इस साल होलिका दहन 7 मार्च और 8 मार्च 2023 को होली का पर्व मनाया जाएगा। होलिका दहन के लिए शाम 6:24 से 8:51 का मुहूर्त श्रेष्ठ होगा। होलिका दहन का विशेष धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। लेकिन खास बात यह है कि होलिका दहन की अग्नि की लपटों की से रिपोर्ट जारी की जा सकती है कि पूरे साल व्यापार दिशा, शिक्षा, वित्त, कृषि, रोजगार, विपत्ति आदि के लिए कैसा रहने वाला है। क्योंकि होलिका दहन के समय हवा की दिशा से भविष्य में घटने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं से संकेत मिल जाते हैं।

होलिका की अग्नि वर्ष भर की स्थिति

धर्म रीलों

ज्योतिष के अनुसार दहन होलिका के दौरान हवा की दिशा से धुंधा जिस ओर उत्पन्न होता है उससे पूरे वर्ष सभी क्षेत्रों के लिए कैसा रहता है, इसके बारे में पता लगाया जा सकता है। जब होलिका की अग्नि सीधे आकाश की ओर उठती है तो इसे सबसे अच्छा माना जाता है। इसका अर्थ यह होता है कि संपूर्ण वर्ष ग्रेट रहने वाला है। कुछ फेर-बदल देखने को मिल सकते हैं। लेकिन प्राकृतिक आपदा या जलमाल की हानि कम होती है।

होलिका के लपटों से किस दिशा में कैसा प्रभाव

  • पूर्व दिशा: होलिका की लपटे यदि पूर्व दिशा की ओर चल रही हवा की ओर उठे तो ऐसा माना जाता है कि इस वर्ष धर्म, अध्यात्म, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में विकास होने वाला है। स्वास्थ्य के चक्कर से भी इस दिशा में लपटों का उठना माना जाता है।
  • पश्चिम दिशा: होलिका दहन की लपटे यदि पश्चिम की ओर उठती हैं तो इससे समूह लाभ में आर्थिक प्रगति का संकेत माना जाता है। लेकिन इससे कुछ प्राकृतिक प्रकृति भी संकते मिलते हैं।
  • उत्तर दिशा: होलिका दहन की अगर अग्नि उत्तर दिशा की ओर हवा की ओर उठे तो इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। यह इस बात का संकेत है कि देश में आर्थिक प्रगति और सुख-शांति बनी रहेगी। क्योंकि इस दिशा में भगवान कुबेर और अन्य देवी-देवताओं का वास होता है।
  • दक्षिण दिशा: इस दिशा में होलिका दहन की अग्नि का रुख करना बहुत ही अशुभ माना जाता है। यदि होलिका की लपटे दक्षिण की हवा की ओर बढ़ती है तो इसके विपरीत समतुल्य, वाद-विवाद, लड़ाई-झगड़े, आपराधिक मामले आदि बढ़ने की संभावना है।

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