
भगवान शिव (प्रतीकात्मक)
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सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। सोमवती अमावस्या साल में एक या दो बार ही आती है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं रखती हैं। सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वैदिक ज्योतिष शोध संस्थान शिमला के ज्योतिषाचार्य डॉ. मस्तराम शर्मा ने कहा कि यह दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस दिन शिव और पार्वती दोनों की पूजा करनी चाहिए। इसलिए भक्तों द्वारा सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। इस दिन कुछ भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं।
सोमवती अमावस्या पर करें इन चीजों का दान
चांदी का संबंध चंद्रमा से है, हिंदू मान्यता के अनुसार चांदी से बनी वस्तुओं का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं। पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी काले तिल का दान मान्य है। सोमवती अमावस्या के दिन दान के समय हाथ में तिल लेकर दान करना चाहिए। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि सोमवती अमावस्या पर धोती, गमछा और अन्य वस्त्र दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र का मानना है कि पितरों को प्रसन्न करने के लिए चंद्रमा से संबंधित चीजें, खासकर सफेद रंग की चीजें जैसे दूध-चावल आदि का दान करना लाभकारी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी भूदान को शुभ माना जाता है। यदि आप भूमि दान कर सकते हैं तो अमावस्या तिथि को भूमि का दान करना चाहिए।