यह एक बूढ़े व्यक्ति की कहानी है जो सर्दियों में अलाव के पास बैठता है और बच्चों को अपने जीवन की कहानियाँ सुनाता है। वह बताते हैं कि कैसे उपन्यास पढ़ने के उनके शौक ने उन्हें चोरी करने पर मजबूर कर दिया। इस चोरी ने उन्हें जीवन भर चोर बना दिया।
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