चैत्र रवि प्रदोष व्रत 2023: 19 मार्च 2023 को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रवि प्रदोष व्रत (रवि प्रदोष व्रत 2023 तिथि) रखा जाएगा। ये चैत्र माह का पहला और इस संवत्सर (विक्रम संवत 2079) का आखिरी प्रदोष व्रत होगा, क्योंकि 22 मार्च 2023 से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 का आगाज हो रहा है। सूर्य प्रदोष व्रत के परिणाम स्वरूप व्रती को संतोष सुख, गैर-कानूनी जीवन में असहाय और आर्थिक लाभ मिलता है। आइए जानते हैं चैत्र माह के रवि प्रदोष व्रत का मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि और उपाय।
चैत्र रवि प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त (चैत्र रवि प्रदोष व्रत 2023 तिथि)
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी तिथि शुरू – 19 मार्च 2023, सुबह 08 बजे बजकर 07
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी तिथि समाप्त – 20 मार्च 2023, सुबह 04 बजे बजकर 55
शिव पूजा का समय – शाम 06 बजकर 31 – रात 08 बजकर 54 (19 मार्च 2023)
पूजा की अवधि – 2 घंटे 23 मिनट
चैत्र रवि प्रदोष व्रत 2023 शुभ योग (चैत्र रवि प्रदोष व्रत 2023 शुभ योग)
चैत्र के पहले रवि प्रदोष व्रत के दिन दो अत्यंत शुभ योग द्विपुष्कर योग और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है।
- सिद्ध योग – 18 मार्च 2023, रात्रि 11.54 – 19 मार्च 2023, रात्रि 08.07
- द्विपुष्कर योग – सुबह 06.27 – सुबह 08.07 (19 मार्च 2023)
रवि प्रदोष व्रत उपाय (चैत्र रवि प्रदोष व्रत उप)
- विवाह में कोई रुकावट आ रही है या फिर शादी के मुहाने तक पहुंचने के बाद भी बाधा भी सफल नहीं हो पा रहे तो सूर्य प्रदोष व्रत के दिन बेलपत्र धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें और ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का 11 बार जाप करें। कहते हैं ये उपाय दुश्मनों को शांत कर देता है और विरोधी की हर चाल नाकाम कर देता है।
- रवि प्रदोष व्रत के दिन दांपत्य जीवन में तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं और तो शिवजी को दही में शहद मिलाकर, उनका भोग भोग। इससे रिश्तेदारी में प्यार बढ़ेगा।
- स्वास्थ लाभ प्राप्त करने के लिए सूर्य प्रदोष व्रत में सुबह सूर्य देव को जल में चंदन, लाल फूल, अक्षर मिलाकर अर्घ्य दें और शाम को शिवजी पर भी यही चढ़ाएं। कहते हैं इससे स्वास्थ्य में सुधार आता है।
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