मुंशी प्रेमचंद जुगनू की चमक की कहानियां भाग-02



सुबह-सुबह चुनार के किले का हर आदमी हैरान और व्याकुल था। किले के स्वामी के सामने संतरी पहरेदार और नौकरानियां सिर झुकाकर मौजूद थीं। जांच चल रही थी लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा था।
वहाँ रानी बनारस पहुँची। लेकिन वहां पहले से ही पुलिस और सेना का जाल था। शहर के फाटक बंद थे। रानी की खोज के लिए एक बहुमूल्य इनाम की घोषणा की गई।



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