मुंशी प्रेमचंद अमावस की रात की कहानियां भाग-02



वह अमावस्या की रात थी। लेकिन दीपमालिका ने अपनी शॉर्ट बायोग्राफी पूरी कर ली थी। वह चारों ओर के जुआरियों के लिए शकुन की रात थी क्योंकि आज का घाटा सारे वर्ष का घाटा है। लक्ष्मी आगमन का उत्सव मनाया गया।



Source link

Leave a Comment