
जीतनाराम मांझी
– फोटो : एनी (फाइल)
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नौकर नौकरी खुली कर नौकरी- ऐसी आशंका या संभावना अभी दूर-दूर तक राजनीतिक विश्लेषक भी नहीं मान रहे हैं। लेकिन, बिहार में मंत्रियों की कुरसी के लिए अतिरिक्त जैसी स्थिति बन गई है। जनता दल यूनाईटेड (JDU) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता के लिए ऊपर तेजस्वी यादव को नकार चुके हैं। अब संपर्क यात्रा के क्रम में महागठबंधन के प्रमुख नेता और पूर्व विजेता राम मांझी ने मन की बात कर दी कि उनका बेटा ऐसे किसी उम्मीदवार से ज्यादा प्रभावित है। इस बात पर उप तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता जिसे चाहे, बनाएगी। यह जनता का अधिकार है।
उपेंद्र की बात का कर दिया समर्थन
जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन बिहार की महागठबंधन सरकार में मंत्री हैं। मांझी निकुंक कुमार का समाधान यात्रा के खत्म होने से पहले संपर्क यात्रा पर निकल चुके हैं। इसी यात्रा के क्रम में उन्होंने कहा कि गरीब-दलितों के लिए कुछ नहीं किया गया है। इस 90 प्रतिशत आबादी में भुईयां जाति से हैं। उन्होंने कहा- “मुझे कुरसी का मोह नहीं है, लेकिन नौकरी के लिए बहुत का नाम आता है। जो नाम आ रहा है, वैसे लोगों को संतोष ज्यादा पढ़ा लिखा है। नेट क्वालिब्रिटि प्रोफेसर है। ऐसे विराट को गोद लेने में सक्षम है मेरा बेटा।” मांझी ने तेजस्वी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बारे में ही सब कुछ कह दिया। तेज ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री जनता चुनती है। जनता का अधिकार है और वही फिरगी।” दरअसल, मांझी ने एक तरह से उपेंद्र कुशवाहा के स्टैंड का समर्थन किया है। कुशवाहा लगातार कह रहे हैं कि जदू ने राजद से इसी बात पर डील की है। डील के महागठबंधन का अगला नेता राइजिंग को सीधे सहज ही बता देते हैं। ऐसे में जदू के ज्यादातर नेता स्वीकार नहीं करेंगे कि तेजस्वी यादव को मंत्रियों बिहार के कर्मचारियों की अध्यक्षता सौंपेंगे।