बिहार: तमिलनाडु में जिस बिहारी की मौत हुई, उसका परिजन कह रहे- कुछ बोले की हत्या हुई… बहाना दूसरी जगह से – बिहार समाचार; तमिलनाडु में बिहारी से बदसलूकी के डर से घर लौट रहे मजदूर


जमुई में मजूदरों के घर के पास लगी भीड़।

जमुई में मजूदरों के घर के पास लगी भीड़।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

तमिलनाडु कांड के बाद बिहारी छात्र अब तक सहमे हुए हैं। डर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो तीन दिन से लगातार जमुई स्टेशन पर मजदूर उतर रहे हैं। शिखर का स्पष्ट कहना है कि तमिल बोलने वाले पर भड़के हुए हैं। कुछ विवरण के साथ प्रभावित की सूचना मिली। माहौल काफी खराब हो गया था। इसी बीच व्हाट्सएप गुप में एक वायरल वीडियो देखा गया। इसमें कुछ लोग एक शख्स की बेरहमी से पिटाई करते नजर आएंगे। इसे देखने के बाद हम लोग काम में आ गए। घर से भी फोन आया। हालांकि, वापस लौटते हुए पता चला कि यह वीडियो पुराना और फर्जी है। लेकिन, तब तक देर हो चुकी थी। हमलोग ट्रेन पर फिट बैठे थे। घर आकर राहत की सांस ली है।

अमर उजाला तमिलनाडु की टीम में जाने में पवन यादव और मोनू कुमार के परिजनों से बातचीत की। परिजनों ने कहा कि वह हैरान करने वाला था। पवन के भाई का कहना है कि कुछ बोले भाई को मार डाला। वहीं मोनी के भाई का कहना है कि मरने से पहले वह बिल्कुल ठीक था। अचानक उसकी लाश फंदे से लटकती मिली तो दंग रह गए। आइए जानते हैं क्या कहा पवन और मोनू के परिजनों ने….

खतरे की पल को याद कर दिल दहल जाता है

धधोर गांव के निवासी पवन यादव के भाई ने कहा कि आज भी उस खतरे को पल को याद कर दिल दहल जाता है। जब मेरी हत्या हुई, मैं कमरे में था। पवन कटोरा साफ कर रहा था। अचानक एक व्यक्ति तलवार लेकर कमरे में घुस गया और बिना कुछ बोले वह पवन पर वार करने लगा। शोर-शराबा मैं सुनकर कमरे में आया तो पता चला कि वह खून से लथपथ पड़ा था। आननफानन में उसे अस्पताल लेकर पहुंचें लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। हालांकि, पुलिस ने 24 घंटे के भीतर हत्यारोपी को जरूर गिरफ्तार कर लिया, लेकिन हत्या का कारण अब तक पता नहीं चला। वहीं एलेक्जेंड्रा बाजार निवासी मोनू कुमार के भाई तुलसी कुमार ने बताया कि जिस समय मोनू की लाश फंदे से लटकी मिली, उस वक्त कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। तुलसी ने कहा कि मोनू को तमिलनाडु आए 4 महीने ही हुए थे और उसका यहां किसी से आरोप नहीं था। वहां के लोगों ने इसे आत्महत्या बताया था। जबकि स्पष्ट हो रहा था कि मोनू की हत्या हुई है।

तमिल कामगारते थे, इसलिए काम नहीं मिलता था

तमिलनाडु से आए अलेक्जेंड्रा प्रखंड क्षेत्र के वसवुट्टी गांव के निवासी मलेश्वर राम के बेटे अजीत कुमार राम ने वायरल हो रहे हैं वीडियो से बिहारी लाए हैं। हर मजदुर बिहार लौटना चाह रहा है। पिछले दो-तीन महीनों से तमिल लोगों को काम नहीं मिलने से बिहारी विदेश जाने का दबाव बनाया जा रहा है। वह तमिलनाडु स्थित तिरपुर के मंद्रेय इलाके में पिछले 8 साल से रह रहा है। वह एक आयरन की कंपनी में काम करता था। उसे 650 रुपये प्रतिदिन का वेतन मिलता है। तमिल इतने ही काम के लिए डॉग वर्किंग मांगते थे। इसलिए कंपनी में उन्हें काम पर नहीं रखा जाता है। धीरे-धीरे बढ़ते हुए बढ़ते हुए। वह हिंदी बोलने वालों से विरोध करने वाले थे। उनका कहना था कि तुम लोग यहां से घर लौट जाओ। इसी बीच एक साथ एक छात्र के घर में घुसकर हत्या कर दी गई। हमलोग काफी देर से आ गए। कुछ दिन बाद एक वीडियो भी वायरल हुआ। परिवार वाले दबाव बनाने लगे। इसलिए रिटर्नकर आया। तमिलनाडु के धधोर गांव में करीब एक कर्मचारी घर लौट आया है। प्रवास में विपिन पासवान, विक्कू पासवान, नारियल कुमार, प्रकाश पासवान सहित ने बताया कि वायरल वीडियो को देखकर ही अपना घर लौट आया है। हालांकि, बाद में पता चला कि यह वीडियो मजूदरों की पिटाई से लेना नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी भी तमिलनाडु में सैकड़ों की तादाद में तमिलनाडु में ही हैं।



Source link

Leave a Comment