
आर्थिक अपराध इकाई।
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तमिलनाडु मामलों में बिहारियों पर हमले का फर्जी वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप को जेल भेज दिया गया है। ईओयू ने आज मनीष कश्यप को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 14 दिन की अटैचमेंट हिरासत में भेज दिया। 20 मार्च यानि सोमवार को EOU की टीम मनीष कश्यप को रिमांड लेगी। ईओयू का कहना है कि इस मामले में मनीष कश्यप से पूछताछ करनी है।
यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार की सुबह बेतिया जिले के जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया। इसके बाद सैकड़ों लोग थाने के बाहर गए थे। डांट लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी करें। उनका कहना था कि मनीष कश्यप निर्दोष है। सरकार उसे फंसा रही है। वहीं बेतिया एसपी एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई द्वारा लगातार दावा किया जा रहा था। साथ ही बेतिया में भी एक मामला लंबित था। शुक्रवार को इस मामले में कुर्की निकाली गई थी। शनिवार सुबह कुर्की की जा रही थी। इसी दौरान जगदीश थाने में मनीष कश्यप द्वारा सरेंडर कर दिया गया।
4 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था
मनीष कश्यप की गिरफ्तारी को लेकर ईओयू की टीम लगातार दबिश देकर उसे खोज रही थी। इस संबंध में ईओयू के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि पुलिस की दबिश और कुर्की शुरू होते ही मनीष ने सरेड़कर दिया। मनीष के खिलाफ ईओयू ने टीम केस दर्ज किया था जबकि उस पर पूर्व से सात केस दर्ज हैं। आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार, बिहारियों के साथ हुए हिंसा के मामलों में कुल 30 वीडियो पोस्ट किए गए थे। इस वीडियो को पोस्ट करने के मामले में 4 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। जांच के दौरान पाया गया कि 8 मार्च 2023 को मनीष कश्यप बीएन आर न्यूज हनी नामक यूट्यूब चैनल का एक वीडियो ट्वीट किया गया था। इसमें पट्टीबद्ध 2 लोगों को दिखाया जा रहा है। उस ट्वीट को टैग वीडियो से शक लग रहा था।