बिहार की पहली लुटेरी :प्रेमी की हत्या, खुद को नाबालिग साबित कर जेल से निकली; नया प्रेमी बना 1 करोड़ की लूट – बिहार की पहली लुटेरी महिला ने अपने प्रेमी का मर्डर करवाया, खुद को नाबालिग साबित किया, नए प्रेमी से लूटे 1 करोड़


दिसंबर में अंजलि सीसीटीवी में दिखी थीं, अब उनकी तस्वीर सामने आई।

दिसंबर में अंजलि सीसीटीवी में दिखी थीं, अब उनकी तस्वीर सामने आई।
– फोटो : अमर उजाला

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बाकी प्रदेशों में लूट-डाके में महिलाएं भी कुख्यात हैं, लेकिन पिछले साल बिहार ने पहली बार लूट-पाट की। सभीीपुर शहर के मोहनपुर स्थित हीरा ज्वेलर्स में 3 दिसंबर को एक करोड़ के जेवरात लूट के दौरान सीसीटीवी फुटेज में उसकी बॉडी-दशा देखी गई। अब गिरफ्तारी के बाद उसका चेहरा भी। वह नौजवान है। गिरोह चला है। और, ठेठ बिहारी है। ये बातें आप शायद जानते हों। लेकिन, इस खबर में हम फौजियों के आधार पर उस लुटेरी अंजलि कुमारी के तीन अन्य करामात सामने ला रहे हैं- 1. वह अपनी पहली प्रेमिका की हत्या की साजिश रचने के कारण जेल गई थी। 2. वह अपने दस्तावेजों के आधार पर ‘नाबालिग’ साबित कर जमानत पर जेल से बाहर था। 3. वह याराना में किसी सामान्य लड़के से ज्यादा प्रभावित है।

हत्या में नामजद नहीं था, जांच में नामजद नहीं किया गया था

10 जून 2021 को सुबह करीब सवा 11 बजे सभीलीपुर के हसनपुर थाना को सूचना मिली कि धबौलिया गांव के स्कूल के पीछे एक युवक की लाश मिली है। गोपनीय की पहचान इसी गांव के चंद्रशेखर राम के बेटे मिथिलेश कुमार बिल्कुल लालू के रूप में हुई। लालू के पिता ने सखवा पंचायत के मुखिया कैरी साह की पत्नी, उनके छह बेटों के अलावा कारी तांती के बेटे का नाम रखा। सभी उसके ग्रामीण ही थे। प्राथमिकी के लिए दिए गए आवेदन के अंत में एक लाइन में जिक्र था कि लालू का कैरी साह की बेटी अंजलि कुमारी से प्रेम प्रसंग चल रहा था। पुलिस रिसर्च में जुटी तो सामने आया कि अंजलि को पता चल गया था-समझ गए लालू को 7-8 जून की रात अपनी मां के मोबाइल से कॉल कर लिया था। उसे लालू की हत्या किए जाने की जानकारी थी। मतलब, कानूनी भाषा में वह हत्याकांड की साजिश का हिस्सा था। जांच के क्रम में यह बातें आईं तो अंजलि को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

नाबालिग साबित कर जमानत ले ली

‘अमर उजाला’ की जवाबदेही के दौरान सामने आया कि इस हत्याकांड के निशाने की ओर से बचाव के लिए कोर्ट में पटा हुआ पक्ष ज्यादा पक्का था। बुरी तरह प्रभावित होने के बाद इस हत्या में कैरी साह के परिवारजनों को किसी-न-किसी के आधार पर राहत मिली। एब्सेंसल के क्रम में हसनपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि अब कारी साह का सिर्फ एक कृष्ण कुमार साह जेल में है। बाकी को जमानत मिल गई है। अंजलि को जमानत किस पर मिली, यह हसनपुर थानाध्यक्ष भी नहीं बताएं शक के आधार पर। त्रिकोणीय के मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया तो उसके भाई ने ऑनलाइन कॉल किया। उसने बताया कि शायद उम्र कम बताकर वह निकल गई। फिर परिवार के पिता ने भी कही यही बात। ‘अमर उजाला’ ने इस पक्ष के वकील से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि उन्होंने मेडिकल डॉक्यूमेंट के आधार पर खुद को जुवेनाइल साबित किया। अब बड़ा सवाल आगे है। समस्त अमितपुर के डीएसपी हेडक्वार्टर कुमार के मुताबिक, “हीरा ज्वेलर्स लूट कांड में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया तो सीआरपीसी की धारा 164 के तहत इकबलिया कंजेंस में उनकी उम्र 20 साल बताई गई है।” डीएसपी के मुताबिक कोर्ट में दिए गए इन बयानों से मुकरने पर दूसरा मामला हो सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यहां खड़ा होगा कि अगर वह जनवरी 2023 में लूट के मामलों में कोर्ट के सामने अपनी उम्र 20 साल स्वीकार कर रही है तो उसने नवंबर 2022 में हत्याकांड से खुद को बचाने के लिए नाबालिग होने का कौन-सा दस्तावेज दिया? अंजलि के 2018 में मैट्रिक पास होने की जानकारी है। अब पुलिस बिहार बोर्ड से उसके प्रमाणन को निकालकर उन पर भरोसा जताती है जब वह अवैध हो गया। अगर हत्याकांड में नाबालिग दिखाने वाला दस्तावेज़ गलत साबित हुआ तो उसे बनाने वाले भी और पेश करने वाले भी कानूनन गुनहगार होंगे। हसनपुर थाना प्रमुख खुद महिला हैं, उन्होंने कहा-“वह किसी कोण से नाबालिग नहीं लगता है, लेकिन कोर्ट में क्या दस्तावेज पेश किए गए होंगे- यह दृश्य होगा।”

याराना में लड़का भी शाखित हो गया

सब्सक्राइबर के दौरान आया बड़ा सवाल यह भी है कि क्या कोई नाबालिग लड़की इतनी शातिर हो सकती है कि वह अपने प्रेमी की हत्या से लदान साल के अंदर तेजी से छांटे हुए दूसरे युवकों से याराना किंक बन सकती है। उसने जेल में कृष्णा नाम के युवक से दांत कटी रोटी वाला रिश्ता ऐसा बनाया कि जेल से वह अपनी योजना के मुताबिक होश में आने लगी। दोनों के रिश्ते की गहराई में जाना ठीक नहीं है, लेकिन हीरा ज्वैलर्स के कर्मचारियों ने यह भी देखा कि अंजलि ही लूट कांड को लीड कर रही थी। सभी एक ही तरह के धोखे से अंजाम दे रहे थे। नवंबर में जेल से प्रदर्शन और दिसंबर की शुरुआत में इतना बड़ा प्रदर्शन करना भी किसी नाबालिग लड़की के लिए संभव नहीं हो पाता।



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