
शपथ ग्रहण से पूर्व रोजगारी कुमार ने जयपुर में नए राज्यपाल का स्वागत किया।
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बिहार के 41वें राज्यपाल के रूप में राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शपथ ली है। उन्हें हाई कोर्ट के मुख्य जज ने शुक्रवार को दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद शपथ दिलाई। 69 साल के राजेंद्र अर्लेकर की नियुक्ति आगामी सात दिसंबर और विधानसभा चुनाव से जुड़ती दिख रही है। इससे पहले आर्लेकर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे 6 जुलाई 2021 को उन्हें हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इससे पहले, गुरुवार को बिहार के राज्यपाल पद से मुक्त फागू चौहान जयपुर से रवाना हो गए। गुरुवार को उनके विदाई के समय और शुक्रवार को नए गवर्नर आर्लेकर की अगवानी में भी क्लिक करें, उप मुख्यमंत्री यादव के साथ एयरपोर्ट पर मौजूद हैं। शपथ ग्रहण समारोह बिहार के राजभवन में संपन्न हुआ।
आरएसएस वरीयता के अरलेकर गोवावासी हैं
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर गोवा के रहने वाले हैं। 23 अप्रैल 1954 को गोवा के पणजी में हुआ था। बाल्यकाल से ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे। 35 साल की उम्र में वे बीजेपी में शामिल हुए। भाजपा कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले अर्लेकर पहले विधायक बने और फिर मंत्री पद पर भी रहे। 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद गोवा के इलाके सुंदर पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर की सदस्यता बनने की चर्चा थी, लेकिन भाजपा ने लक्ष्मीकांत पारसेकर को गोवा की कमान सौंपी। राजेंद्र आर्लेकर को गोवा विधानसभा को कागजी अनुपयोगी बनाने का श्रेय दिया जाता है।
मंत्री, विस अध्यक्ष जैसी भूमिकाएं निभाएंगे
राजेंद्र अर्लेकर विधानसभा में मंत्री पद पर काम करने का अनुभव प्राप्त कर चुके हैं। वे 2002 से 2007 तक विधायक रहे। 2012 से 2015 तक गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे। वहीं 2015 से 2017 तक गोवा के वन पर्यावरण और पंचायती राज्य मंत्री रहे थे। इसके बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था। वे जाति और जनजाति के विकास और कल्याण कार्यक्रम से भी जुड़े हुए हैं।