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बिहार के सियासत में इन दिनों भारी इलेक्ट्रिकल्स पुथल है। सोमवार को जनता दल (यूनाइटेड) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी छोड़ दी। कुशवाहा ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी का भी एलान कर दिया। इसका नाम ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ रखा गया है। ऐसा पहली बार नहीं है कि उपेंद्र कुशवाहा ने जादू का साथ छोड़ा है। इसके पहले भी 2013 में वह ऐसा कर चुके हैं। तब उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल समता पार्टी (रेल एसपी) बनाई थी। आरएलएसपी ने 2014 के दशक के चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार में मंत्री भी बने थे।
बिहार के सियासत में इन दिनों भारी इलेक्ट्रिकल्स पुथल है। सोमवार को जनता दल (यूनाइटेड) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी छोड़ दी। कुशवाहा ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी का भी एलान कर दिया। इसका नाम ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ रखा गया है। ऐसा पहली बार नहीं है कि उपेंद्र कुशवाहा ने जादू का साथ छोड़ा है। इसके पहले भी 2013 में वह ऐसा कर चुके हैं। तब उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल समता पार्टी (रेल एसपी) बनाई थी। आरएलएसपी ने 2014 के दशक के चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार में मंत्री भी बने थे।
इस बार भी उपेंद्र कुशवाहा की नई पार्टी के गठन की खूब चर्चा हो रही है। सवाल ये भी उठ रहा है कि असल में इस नई पार्टी का जादू और राजद के गठबंधन पर कितना असर पड़ेगा? उपेंद्र कुशवाहा जदयू को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं? क्या है बिहार का चुनावी सियासी रेक्युलेट? चलिए समझते हैं…