पटना :तेज प्रताप ने बताया नहीं बताया 5 लाख का क्या चोरी हुआ, वृंदावन के कलाकारों ने कहा- 50 हजार मांगे तो केस किया – पटना: तेज प्रताप ने नहीं बताया 5 लाख की चोरी क्या थी, कलाकारों ने कहा- केस किया तो फाइल किया 50,000 के लिए


पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव बनकर होली खेलते हैं

पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव बनकर होली खेलते हैं
– फोटो : अमर उजाला

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होली के दिन वन एवं पर्यावरण तेजप्रताप यादव के आवास पर होली उत्सव मनाने आए वृन्दावन की होली मंडली पर माने गए 5 लाख की चोरी के आरोप गलत हैं, ऐसा कहना है मंडली के नेता दीपक और उनके साथियों का। मंडली का कहना है कि एक तो मेरा काम देखें और जब पैसे मांगे तो मंत्री के पी.ए ने धमकी और रैकिंग का आरोप प्राथमिकी दर्ज किया। मंडली का कहना है कि होली कार्यक्रम के लिए 60 हजार रुपये पर करार हुआ था, दस हजार ऑनलाइन पैसा देकर बुलाया। यहां आए लोगों ने भी काम किया और जब बाकी के 50 हजार की मांग की तो उल्टे मुझ पर झूठा मामला कर दिया। उन्होंने कहा कि क्या यह संभव है कि हमलोग मंत्री को धमकी देंगे? तेजप्रताप यादव का निजी सहायक सिन्हा ने वरीयता में दस्तावेजों को दर्ज किया है।

क्या लिखा है आवेदन में

आवेदन के अनुसार 8 मार्च को वृंदावन होली टीम के हेड दीपक अपने 5 साथियों के साथ तेज प्रताप के आवास पर होली उत्सव मनाए। 9 मार्च को सभी कलाकार मंत्री के रहने की जगह में और अहले सुबह बिना किसी को कुछ दिखाएँ लाखों रुपये के सामान सामान लेकर अनुशंसा हो गए। चोरी की जानकारी तेज प्रताप यादव को दी गई। घटना की सूचना मिलने पर जब तेज प्रताप यादव ने मंडली के नेता दीपक को फोन किया तो जवाब देने के प्रतिक्रिया में दीपक मैसेज देने लगा।

यह आरोपी मंडली का जबाब है

चोरी और धमकी के संबंध में विवेक दीपक का कहना है कि यह मामला बिल्कुल गलत है। उनका कहना है कि तेज प्रताप यादव से उनका आज से नहीं बल्कि कई साल पुराना रिश्ता है। इससे पहले भी वह कई प्रोग्राम माई करवा रहे हैं। दीपक का यह भी कहना है कि मंत्री तेज प्रताप यादव ने होली में कार्यक्रम को लेकर एक मंडली वृंदावन से आने को कहा था। पटना आने का पहला कार्यक्रम 4 मार्च को ही था। लेकिन मंत्री द्वारा प्राप्त किए गए टिकट में वेटिंग होने की वजह से कलाकारों ने पुणे आने से मना कर दिया। फिर 6 मार्च को मंडली सहित 8 लोग पूना पहुंचे और होली मनाई। 60 हजार रुपए में तय हुआ। इसके लिए मंत्री के सहायक ने अग्रिम के रूप में 10 हजार रुपए ऑनलाइन दिए थे। अगले दिन 9 मार्च को नोएडा-कोटा एक्सप्रेस ट्रेन से वापसी थी। इसलिए जब बाकी रुपये की मांग की गई तो मिशाल सिन्हा ने यह क्षति पहुंचाई कि स्टेशन पर पैसा पहुंच जाएगा। लेकिन स्टेशन पर आने के बाद भी बाकी के 50 हजार रुपये नहीं मिले। इसी रुपये की मांग करने पर इन लोगों ने मुझे और मेरे दोस्तों को चोर बना दिया।



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