तुर्की भूकंप: पीएम मोदी ने किया वसुधैव कुटुम्बकम का जिक्र, एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल से बोले इस श्लोक का मतलब जानें

तुर्किये भूकंप बचाव, वसुधैव कुटुम्बकम अर्थ: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार 20 फरवरी 2023 को तुर्किए (तुर्किये) में ‘ऑपरेशन दोस्तों’ में एनडी रैप्स (NDRF) और अन्य अंग की रेस्यू टीम से बातचीत की। इस दौरान मोदी ने एक श्लोक का जिक्र किया। मोदी जी (पीएम मोदी) ने कहा कि संस्कृति हमारी हमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ सिखाती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम पूरी दुनिया को एक परिवार की तरह मानते हैं। इसलिए जब परिवार का कोई सदस्य संकट में होता है तो उसकी मदद करना भारत का कर्तत्व है। जानिए यह श्लोक किस उपनिषद या ग्रंथ से लिया गया है, इसका अर्थ और महत्व क्या है।

वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है (वसुधैव कुटुम्बकम श्लोक)
जहां एक और पूरी वसुधा यानी पृथ्वी हमारी एक परिवार के रूप में बांध देती है। वहीं दूसरी ओर यह जुड़ते हुए रूप से मनुष्य को अपने विचार और कार्यों के प्रभाव को विस्तृत करने की बात कहता है। वसुदेव कुटुंबकम हमारे सनातन धर्म का मूल मंत्र है। हमारे धर्म में हीं नहीं यह हमारे भारत वर्ष के संस्कार का द्योतक है। विश्वस्तर पर हम भारतीयों की विचारधारा का मूल है।

किस उपनिषद में यह श्लोक है
वसुदेव कुटुंबकम् महा उपनिषद में लिखा है। इसका अर्थ शाब्दिक पृथ्वी ही परिवार है। ये श्लोक महोपनिषद्, अध्याय 4, श्लोक 74 से लिया गया है

धर्म रीलों

अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम् |
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् |

अयं – यह
निजः- अपना
परो वा – या पराया
गणना- गिणती
लघुचेतसाम् – छोटे दिल वालों की
उदारचरितानाम् – उदार, बड़े, बड़े दिल वालों के
वसुधैव – पृथ्वी ही
कुटुंबकम् – परिवार

अर्थात- यह मेरा है, यह उसका है, ऐसी सोच से प्रभावित चित्त वोले व्यक्ति की होती है। इसके विपरीत उदारचरित वाले लोगों के लिए तो यह संपूर्ण पृथ्वी ही एक परिवार जैसा होता है।

इतिहास गवाह है कि भारत के महान विचारक व सम्राटों ने पूरे विश्व के कल्याण के लिए हमेशा प्रयास किया है। उदाहरण के लिए। तुर्किए और सरिया में आए भूकंप के बाद भारत की ओर से एंडी रैशेज ने जिस तरह से 10 दिनों तक बचाव और राहत का काम किया वह काबिले आकांक्षा है। इससे पहले भी दुनिया में जब भी आपदा आई भारत मदद के रूप में आगे बढ़ रहा है।

पौराणिक समय से ही भारत वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को निर्दिष्ट है। इतिहास के गवाह हैं कि भारतीयों ने हमेशा सभी देशों को आपस में जोड़ा, भाषा का, धर्म का आदर किया और अपना हिस्सा सहज ही बना लिया।

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