कृषि विपणन बोर्ड : बहाना नहीं चलेगा, कमीशन एजेंटों के लिए ई-लाइसेंस लेना अनिवार्य


कृषि विपणन बोर्ड

कृषि विपणन बोर्ड
– फोटो : सोशल मीडिया

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कृषि विपणन बोर्ड ने हिमाचल प्रदेश की मंडियों में काम करने वाले आढ़तियों के लिए ई-लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। मार्केटिंग बोर्ड ने आईटी विभाग से पोर्टल तैयार करवाया है। एजेंटों को अब इस पोर्टल के जरिए नए लाइसेंस बनवाने होंगे, पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण भी ऑनलाइन होगा। ई-लाइसेंस सिस्टम लागू होने के बाद अब मार्केटिंग बोर्ड आढ़तियों द्वारा भरे जाने वाले क्यू और आर फॉर्म सहित अन्य सभी फॉर्म ऑनलाइन करने जा रहा है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद एजेंट टैक्स चोरी नहीं कर सकेंगे। पूरा टैक्स मिलने से एपीएमसी की आय भी बढ़ेगी।

मंडी में कारोबार करने वाले कमीशन एजेंट अब लाइसेंस बनवाने का बहाना नहीं बना सकेंगे। कृषि विपणन बोर्ड की वेबसाइट पर लाइसेंस बनाने और नवीनीकरण के लिए पोर्टल का लिंक उपलब्ध कराया गया है। एजेंट ने कब लाइसेंस के लिए आवेदन किया, कौन-सी औपचारिकताएं पूरी नहीं कीं, मार्केटिंग फीस जमा की या नहीं, इसका पूरा विवरण पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। अभी तक कमीशन एजेंट एपीएमसी दफ्तरों में ऑफलाइन लाइसेंस बनवाते थे। बिना लाइसेंस के कारोबार करते पकड़े जाने पर वह लाइसेंस के लिए आवेदन करने का बहाना बनाता था। अब नौकरी वालों का बहाना नहीं चलेगा। लाइसेंस की स्थिति को पोर्टल पर कहीं भी ऑनलाइन चेक किया जा सकता है। बिना लाइसेंस के मंडियों में एजेंट काम नहीं कर सकेंगे।

हिमाचल में 10 एपीएमसी

हिमाचल प्रदेश में शिमला-किन्नौर, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू लाहौल स्पीति, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना जैसे 10 एपीएमसी हैं। कृषि विपणन बोर्ड ने सभी एपीएमएस को ई-लाइसेंस अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। सभी एपीएमसी को ई-लाइसेंस सिस्टम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि कमीशन एजेंटों के लिए ई-लाइसेंस बनाना अनिवार्य किया गया है. कमीशन एजेंटों द्वारा भरे जाने वाले क्यू एंड आर फॉर्म भी ऑनलाइन किए जा रहे हैं, जिसके बाद कोई कर चोरी नहीं होगी और एपीएमसी की आय में वृद्धि होगी।

नरेश ठाकुर, प्रबंध निदेशक, राज्य कृषि विपणन बोर्ड



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