
तमिलनाडु से भागलपुर छात्रों को दें।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
तमिलनाडु से भागलपुर में भी भारी संख्या में मजदूर लौट रहे हैं। ऐसे कैसे शरीर पर चोट नहीं, लेकिन वह बता रहे हैं कि उन्हें हिंदीभाषी बोल भाग जाने के लिए कहा गया। वह बताते हैं कि जहां रह रहे थे, वहां तमिलनाडु के लोगों का समूह और पीटने की कोशिश की तो कुछ घंटे गायब रहे, फिर बोरिया-बिस्तर सहित भाग लेने के लिए। घटना की वायरल अफवाह से अलग हिस्सेलपुर दिखाते हैं बिहारी ने ऐसी कई खबरों की जानकारी दी। चोट नहीं होने के आधार पर किसी भी चीज को शब्दश: सही माने या नहीं, लेकिन कोरोना काल के बाद पहली बार इस तरह से हारने की वापसी जबरदस्ती है। लेटे हुए शरीर पर नहीं, बल्कि मन पर चोट लगती है। कुछ अपोलो ने उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाया। छोड़ने का दावा है कि रोक-झटककर धमकाए जाने के कारण वह तमिलनाडु से वापस लौटने को मजबूर हो गया। ‘अमर उजाला’ ने कई हत्याओं की अफवाह पर न कोई खबर फैलाई और न ऐसे वीडियो दिखाए, लेकिन बिहार वापसी की बात उठाना भी जरूरी है। आइए जानते हैं विस्तार की आपबीती….
मजदूर रवि कुमार ठाकुर
- भागलपुर के कहलगांव के सनोखर, जगदीशपुर और सिंहनान के कई मजदूर तमिलनाडु में काम करते हैं। इनमें से कई वापस आ चुके हैं। पूछताछ करने पर मजदूर रवि कुमार ठाकुर ने बताया कि वह तमिलनाडु में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे। एक दिन वह अपने कमरे में खाना पका रहा था। अचानक 3 स्थानीय लोग आए और खदेड़ने लगे। मजबूरन वहां से भागना पड़ा। रास्ते में पता चला कि वहां के स्थानीय बिहारी लोग खदेड़ रहे हैं। वह पूल के नीचे भागकर है। फिर रात 12 बजे बैग लेकर चेन्नई सेंट्रल पहुंचे। वहां से ट्रेन से भागलपुर लौटा।
मजदूर बेचन पासवान
- बेचनेन ने बताया कि तमिलनाडु में पत्थर उठाने का काम करता है। आज सुबह ही मैं भागलपुर लौटकर आया हूं। वहां के स्थानीय लोग हम लोगों को खदेड़ रहे हैं। इसलिए हमलोग भाग कर घर आ गए। स्थानीय लोग कहते हैं तुम लोग यहां से चले जाओ। यहां हम लोग कमाएंगे। बेचनेन ने कहा कि बताओ हमलोग नहीं कमाएंगे तो फिर परिवार कैसे चलेंगे। बहुत से लोग भागीदार हुए हैं।
ओलिवर विक्रम पासवान
- हम लोगों का अपमान किया जा रहा था। हम लोग 600 से 800 रुपए तक काम करने के लिए तैयार हो जाते थे। तमिल इतने काम में काम नहीं करते थे। इसलिए कंपनी हम लोगों को ही काम पर शत्रु थी। कुछ लोगों के साथ प्रभावित की बात भी सुनें। इसलिए हम लोग वहां से वापस लौटे। एक महिला ने बताया कि होली के बाद 9 मार्च को तमिलनाडु जाने के लिए टिकट बुक करवाई गई थी। लेकिन कैंसिल करवा दिया। बिहार के साथ की जुल्फों से हम लोग प्रभावित हो गए हैं।